लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम, सकारात्मक प्रवृत्ति एवं अनुशासन आवश्यक: डॉ पाठक 

 ओरिएंटल यूनिवर्सिटी का ओरिएंटेशन कार्यक्रम
इंदौर।  हमारा लक्ष्य है ओरिएण्टल विश्वविद्यालय को विश्व का विद्यालय बनाना।  इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ना सिर्फ हमारे पास संकल्प है बल्कि प्रचुर संसाधन भी है, पर इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें साझा प्रयास करने होंगे।
यह बात  ओरिएण्टल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. के.एल. ठकराल ने ओरिएंटेशन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के नए शैक्षणिक सत्र के शुरुआत  के अवसर पर विभिन्न पाठ्यक्रमों दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति, उपकुलपति, डीन, डायरेक्टर, कुलसचिव, विभागाध्यक्षों, फैकल्टीज के अलावां सैंकड़ों की संख्या में विश्ववविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों, संकायों में दाखिला लेने वाले नए छात्रों के साथ साथ उनके अभिभावक उपस्थित हुए।
डा. ठकराल ने कहा कि ओरिएंटल विश्वविद्यालय के पास सुयोग्य प्राध्यापकों के साथ ही आधुनिकतम शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्थाएं हैं, पर साथ ही हम विश्वविद्यालय परिसर में ख़राब, अमर्यादित आचरण एवं गलत आदतों के प्रति शून्य सहिष्णुता की निति भी रखते हैं । हमारा उद्देश्य छात्रों को मात्र उच्च शिक्षा प्रदान करना ही नहीं है बल्कि उन्हें देश का सुयोग्य, ज्ञानी एवं  सफल नागरिक भी बनाना है। उन्होंने कहा कि ओरिएंटल विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में विश्वव्यापी और विश्व का विद्यालय बने इसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। यदि हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो सच मानिए ओरिएंटल विश्वविद्यालय सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं  बल्कि आने वाले समय में देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शुमार होगा।
कुलपति डा. देवेन्द्र पाठक ने नव दाखिला लिए छात्रों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम को एक ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय अवसर बताते हुए उपस्थित छात्रों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम, सकारात्मक प्रवृत्ति रखने एवं अनुशासित रहने का आवाहन किया और कहा कि उन्होंने अबतक जो कुछ भी किया वह उतना महत्व नहीं रखता क्योंकि उनके जीवन की असली यात्रा अब शुरू हो रही है।  डॉ पाठक ने कहा कि छात्रों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वो आने वाले समय में किस तरह का आचरण रखते हैं।  उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए अनुशासन के साथ-साथ  सकारात्मक प्रवृत्ति होना भी उतना ही अनिवार्य है।
डॉ पाठक ने हनुमान चालीसा की चौपाइयों से गुरु-शिष्य परम्परा पर विस्तार से प्रकाश डालने के साथ ही छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि यदि वे सफलता का शिखर छूना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले उन्हें अपने लक्ष्य तय करने होंगे, क्योंकि जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्य होना जरूरी है।
समारोह की विशेष अतिथि (गेस्ट ऑफ़ ऑनर ) तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद शशिकला पुष्पा ने ओरिएंटल विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षण की अनुकूल  व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रों एवं युवा पीढ़ी से विश्वविद्यालय की प्रभावी शिक्षण व्यवस्थाओं  एवं संसाधनों का अधिकाधिक लाभ लेने  का आवाहन किया। उन्होंने छात्रों से आवाहन किया कि वो एक वृक्ष की तरह बनें  ताकि वे यहाँ के अनुकूल एवं उच्च कोटि के शैक्षणिक व्यवथाओं, अवसरों एवं ज्ञान को अपने अंदर वृक्ष की भाँति सोख सकें।
विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति-कुलपति डा. बी. रामास्वामी ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि सफलता के लिए समय का इंतजार न करें। आप अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहते हैं इसके बारे में पुस्तकों में पढ़ने के साथ ही उन लोगों से भी परामर्श करें जोकि उस क्षेत्र में सफलता हासिल कर चुके हैं। सफलता एकाएक हासिल नहीं होती।  कई बार हमें असफलता से दो-चार होना पड़ता है लिहाजा कभी हिम्मत न हारें। सच कहें तो जो हारकर भी हिम्मत नहीं हारता वही एक दिन सफलता हासिल करता है।
विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डा. आर.के. जैन ने कहा कि यह हम सभी जानते हैं कि कोई भी लक्ष्य या जीवन में सफलता रातोंरात नहीं मिल जाती। जिस प्रकार किसी मंजिल के शिखर पर जाने के लिए एक-एक सीढ़ियां चढ़ने की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार लक्ष्य हासिल करने के लिए भी हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए। छात्र जीवन में प्रत्येक क्षण अमूल्य है, लिहाजा उसका सदुपयोग करना जरूरी है।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम में कुलसचिव ललित अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी के नियम-कायदों के साथ ही लाइब्रेरी, हास्टल, ड्रेस, उपस्थिति आदि से अवगत कराया वहीं डा. प्रिया सेपाहा ने एंटी रैगिंग के साथ ही विशाखा समिति की जानकारी प्रदान की। डा. संदीप गंगराडे ने छात्र-छात्राओं को परीक्षा प्रणाली से अवगत कराया। इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक गौरव ठकराल, डीन एकेडमिक गरिमा घई, प्राचार्य शिक्षा संकाय जया द्विवेदी, डा. एम.के. गुप्ता, अजीत कियावत, अतुल नंदवाल, डा. प्रज्ञा नेमा, संविद मिश्रा, नीरज खत्री, नीलू गुप्ता, भावना ठाकुर, प्रकाश बेलसारे, श्रीकांत श्रीवास, असिस्टेंट प्रो. देवेश पाण्डेय, प्रशासनिक अधिकारी मुकुल शुक्ला आदि के साथ ही बड़ी संख्या में नवागत छात्र-छात्राएं और अभिभावक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन परिधि सोकल ने किया। आभार प्रति कुलपति डा. ध्रुव घई ने माना।

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